Bihar Jamin Survey: जैसा की अभी बिहार में जमीन सर्वे को लेकर हाल ही में काफी चर्चा हुई थी। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने इस मामले में फैली अफवाहों का पूरी तरह खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जमीन सर्वे का काम लगातार जारी रहेगा और इसे रोकने का कोई रोक नहीं की गई है। साथ ही जमीन मालिकों और रैयतों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सर्वे को थोड़े समय के लिए स्थगित करने का निर्णय भी लिया है, ताकि लोगों को अपने आवश्यक कागजात व्यवस्थित करने का पर्याप्त समय मिल सकें।
जमीन सर्वे पर रोक लगाने की अफवाह और मंत्री का बयान
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने यह दावा किया गया था कि बिहार में अभी आने वाले विधानसभा चुनावों के चलते जमीन सर्वे की प्रक्रिया को कुछ महीनों के लिए रोक दिया जा सकता है। इस पर मंत्री दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट किया कि राज्य में जमीन सर्वे पूरी तरह से जारी रहेगा और इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि जमीन माफिया और अवैध कब्जाधारक ऐसे अफवाहें फैला रहे हैं ताकि वे अपनी अवैध गतिविधियों को बचाया जा सके। मंत्री ने यह भी बताया कि जमीनी स्तर पर सर्वे को लेकर कोई विवाद नहीं है और यह प्रक्रिया सीधे तौर पर गरीब और आम जनता के लिए फायदे मंद हैं।
किसानों और जमीन मालिकों को मिली राहत
सरकार ने यह देखा कि जमीन के मालिकों के लिए अपनी जमीन के दस्तावेज इकट्ठा करना मुश्किल हो रहा हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जमीन सर्वे को तीन महीने के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया हैं। इस अवधि में लोग अपने आवश्यक दस्तावेज़ जैसे खतियान, दाखिल-खारिज, रसीद आदि इकट्ठा कर सकेंगे।
साथ ही, जिनके पास पुराने कागजात नहीं हैं, उनके लिए सरकार ने आसान विकल्प भी प्रदान किए हैं। अब वे एक स्वघोषणा पत्र जमा करके सर्वे में शामिल हो सकते हैं। इसिके साथ ही सरकार ने 15 वैकल्पिक दस्तावेज़ों को भी मान्यता दी है, ताकि कागजात की कमी के कारण कोई भी सर्वे से बाहर न हो सके। इससे उन रैयतों को भी राहत मिलेगी जो ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।